एक ख्वाहिश सी हुआ करती थी,
एक ख्वाहिश सी हुआ करती थी,
किसी के साथ होने की
किसी के पास होने की
किसी को अपना कहने की
किसी को अपना मानने की
एक ख्वाहिश सी हुआ करती थी,
जिसका हर घड़ी इंतजार करते ना थकने की
फिर भी हर काम के बीच भी याद करने की
जिसको याद करते चाहे खो जाऊँ
फिर भी याद करके खुद को रोक ना पाऊँ
एक ख्वाहिश सी हुआ करती थी,
किसी के अपनों में आने की
किसी के सपनों में आने की
किसी के लिए दुआ माँगने की
किसी की दुआ बनने की
एक ख्वाहिश सी हुआ करती थी,
किसी की ख्वाहिश बनने की !!